कोरोना प्रभावित यूपी वालों के लिए मुंबई में नोडल अफसर

कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश से बाहर रह रहे लोगों की भी चिंता की है। इसलिए महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के लोगों की तकलीफें सुनने और उसके निराकरण के लिए मुंबई में एक नोडल आफिसर नियुक्त किया है। मुंबई के नोडल आफिसर को न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों के भी फोन आ रहे हैं। मदद में सिर्फ यही कह रहे हैं कि उन्हें घर पहुंचा दो।


योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में 21 दिन के लॉकडाउन में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों की मदद के लिए मुंबई में कार्यरत पर्यटन विभाग के उपनिदेशक विमलेश कुमार औदीच्य को नोडल आफिसर बनाया है। औदिच्य को इससे पहले भी मुंबई में रह रहे यूपी मूल के लोगों के गांव-घर की समस्याओं को सुलझाने के लिए आफिसर नियुक्त किया जा चुका है। 

औदीच्य के साथ प्रधान सहायक जसपाल सिंह और कनिष्ठ सहायक डीटी झामले को भी जिम्मेदारी दी गई है। औदीच्य ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि बीते दो दिन से उन्हें मुंबई के अलग-अलग उपनगरों के अलावा, पालघर के नालासोपारा, बोईसर, ठाणे और नवी मुंबई सहित कोल्हापुर, अहमदनगर और अमरावती से भी लोगों के फोन आ रहे हैं जिनकी एक ही फरियाद है कि किसी तरह से उन्हें उनके गांव पहुंचने में मदद करो।

महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पालघर, रायगढ़, नासिक सहित राज्य के कई शहरों में यूपी मूल के करीब 40 लाख लोग रहते हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश लोगों का यहां स्थाई ठिकाना नहीं है। ऐसे लोग 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही गांव की ओर चल दिए थे। 

मध्य रेलवे ने इन यात्रियों के लिए कई अनारक्षित गाड़ियां भी शुरू की थीं। मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी एके सिंह बताते हैं कि शुरुआत में डेढ़ लाख से अधिक लोग अपने गांव चले गए। लेकिन इसी बीच 25 मार्च से ट्रेनें भी बंद हो गईं। इसलिए मजदूर वर्ग के लोग यही फंसे रह गए।  

मिल रहा आश्वासन- डटे रहिए, सरकार जल्द ही कोई रास्ता निकालेगी
औदीच्य ने बताया कि महाराष्ट्र में रह रहे उत्तर प्रदेश मूल के लोगों के लिए खाने-पीने की दिक्कत नहीं है, लेकिन उनके पास नकदी अब धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं। वे किसी भी सूरत में अपने गांव जाना चाहते हैं। नोडल आफिसर की तरफ से उन लोगों को आश्वस्त किया जा रहा है कि फिलहाल, डटे रहिए। सरकार जल्द ही कोई रास्ता निकालेगी।